Sunday, 8 March 2015

Small poem By nand kishore

धीरे धीरे ही सही ये वक़्त भी कट गया , कोई अपना भी था जो वक़्त से साथ बदल गया
हमने भी सोचा हम भी बदल जायेगे पर सच यही है हम तो बदल जायेगे पर दिल को कहा बदल पायेगे |
होली अब आती है पर खुशी के रंग नहीं , यादो के दर्द दे जाती है |

Nand Kishor Yaade 

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